जातीय-सांप्रदायिक हिंसा, दलित उत्पीड़न, फर्जी मुठभेड़ और इंसाफ के लिए संघर्षरत लोगों के ऊपर सत्ता के दमन के खिलाफ 7 अप्रैल को रिहाई मंच करेगा कार्यक्रम
लखनऊ: रिहाई मंच ने मुज़फ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा के दोषियों के ऊपर से मुकदमा हटाने को इन्साफ की दिनदहाड़े हत्या करार दिया है।
मंच ने कहा कि सांसद संजीव बालियान और बुढ़ाना विधायक उमेश मालिक खुद सांप्रदायिक हिंसा के दोषी हैं और वे ही अब लिस्ट लेकर मुक़दमे हटाने की योगी सरकार से सिफारिश कर रहे हैं। मुज़फ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा के पीड़ितों के साथ इससे अधिक भद्दा मजाक हो ही नही सकता है। मंच ने कहा कि एक तरफ योगी सरकार में अपराधियों के ऊपर से मुक़दमे हटाये जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ दलितों-पिछड़ों और मुसलमानों को फर्जी मुठभेड़ में मारा जा रहा है। दलितों को प्रदेश में सामंतवादी ताकते जिन्दा जला दे रही हैं।
एक तरफ भीम आर्मी के नेता को जबरन रासुका के तहत निरूध्द करके जेल में रखा गया है तो दूसरी तरह सत्ता संरक्षण प्राप्त अपराधी अम्बेडकर छात्र सभा के नेता अमर सिंह पासवान के ऊपर गोरखपुर में दिनदहाड़े जानलेवा हमला कर रहे हैं।
मंच ने भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की शहादत दिवस पर शहीदों को याद करते हुए कहा कि आज शहीदों की विरासत को आगे ले जाने वाले संगठनों और कार्यकर्ताओं पर सरकारी दमन बढ़ गया है। इस सारे सवालों पर रिहाई मंच 7 अप्रैल को लखनऊ में बड़ा कार्यक्रम करेगा।
रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुएब ने कहा कि मुज़फ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा के दोषियों के खिलाफ केस वापस लिया जाना न्याय की दिनदहाड़े हत्या है। जिन मुकदमों को वापस लिया जा रहा है उसमें हत्या और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। यह और शर्मनाक हो जाता है कि खुद आरोपी ही लिस्ट तैयार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुज़फ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा के कई मामलों में रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव ने खुद अपने नाम से मुक़दमा दर्ज कराया है। हम मामले को गंभीरता से देख रहे हैं। इन्साफ के लिए आखिरी दम तक लड़ा जायेगा। उन्होंने सपा पर भी तंज कसते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की होती तो यह दिन नही देखना होता।
गौरतलब है कि रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने भाजपा विधायक संगीत सोम पर सोशल मीडिया से साम्प्रदायिकता भड़काने की तहरीर अमीनाबाद थाने में दी थी। लेकिन संगीत सोम पर मुकदमा नही दर्ज किया गया बल्कि कुछ दिनों बाद रिहाई मंच के नेताओं के ऊपर ही फर्जी मुकदमे लाद दिए गए।
उन्होंने अम्बेडकर छात्रसभा के नेता अमर सिंह पासवान ऊपर जानलेवा हमले की निंदा करते हुए कहा कि सत्ता संरक्षित गुंडे ने दलितों-पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए संघर्षरत अमर सिंह पासवान पर हमला किया है। इसके खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुंठा है कि वे अपने राजनीतिक विरोधियों पर गुंडों से हमले करा रहे हैं।
उन्होंने मांग कि की अमर सिंह पासवान की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस ले क्योंकि उनको सत्ता संरक्षण में पल रहे गुंडों से खतरा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जातीय-सांप्रदायिक हिंसा, फर्जी मुठभेड़, दलित उत्पीड़न और इंसाफ के लिए लड़ रहे चन्द्रशेखर और अमर सिंह पासवान जैसे नौजवानों पर हमले बर्दाश्त नही किया जायेगा। इसके खिलाफ रिहाई मंच 7 अप्रैल को लखनऊ में कार्यक्रम करेगा।