नई दिल्ली : गुजरात के भरूच से बीजेपी सांसद मनसुख भाई वसावा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। जानकारी के मुताबिक उन्होंने यह कदम अपनी बात नहीं सुने जाने से नाराज होकर उठाया है। उन्होंने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल को पत्र लिख कर कहा है कि आगामी बजट सत्र में वह लोकसभा से भी इस्तीफा दे देंगे।
उन्होंने कहा कि पार्टी ने मुझे मेरी क्षमता से ज़्यादा मौके दिए हैं। मैं केन्द्रीय नेतृत्व का सदा आभारी रहूँगा। उन्होंने कहा कि मैं भी अपने निजी विश्वास के साथ पार्टी सिद्धांतो का सावधानीपूर्वक पालन करता रहा। मैं इस्तीफ़ा इसलिए दे रहा हूँ कि मेरी ग़लतियों से पार्टी को नुकसान न हो।
जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र के बाद उनका इस्तीफ़ा आया है। नर्मदा जिले के 121 गाँवों को इको सेंसिटिव ज़ोन घोषित करने के लिए पर्यावरण मंत्रालय की अधिसूचना वापस लेने की मांग इस पत्र में उन्होंने की थी।
6 बार लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन चुके मनसुख भाई वसावा, बीजेपी के कद्दावर नेताओं में गिने जाते थे। पिछले मोदी सरकार में राज्यमंत्री का पदभार भी संभालने वाले मनसुख भाई वसावा पिछले कुछ दिनों से वह पार्टी के काम काज के तरीकों से नाखुश नजर आ रहे थे।
गुजरात के भरूच संसदीय क्षेत्र से 12वीं लोकसभा के लिए उपचुनाव में वसावा 25 नवंबर 1988 में चुनाव जीते थे। अगले साल की शुरुआत में गुजरात में स्थानीय निकाय चुनाव है। ऐसे में बीजेपी को वसावा के पार्टी छोड़ने से नुकसान हो सकता है।